Tuesday 14 July 2015

                                     तू मुझको माफ़ कर 

मेरे यारा तू मुझको माफ़ कर
मेरे यारा तू दुबारा प्यार कर
मेरे प्यार ने तुझको कुछ ना दिया
मेरे यारा तू मुझको माफ़ कर
था बड़ा नादान मै
अपनी मंज़िल की तलाश में था
भूल गया था प्यार ही मेरी मंज़िल है
मेरे यारा तू मुझको माफ़ कर
मेरे यारा तू दुबारा दरकार कर
मेरे यार तू मुझको माफ़ कर
मेरे यारा तू दुबारा प्यार कर 

Tuesday 7 July 2015

मैने साजिश फिर कर डाली ,
ऊँगली को पिस्तौल बना ली ,
एक आँख को भींच के ,
गोली धम से चला डाली। 

Wednesday 1 July 2015

यु दीवार को तकते-तकते शाम हो जाती है,
यु दीवार पे ख़्वाब को बुनते-बुनते कई शाम गुजर जाती है।
कई रातो से सोया नहीं हुँ ,
बस यु दीवार को तकते-तकते गुजार दिए है,
इन दीवारो में दफ़न अपने आरज़ूओं की अश्थी को ढूंढते-ढूंढते कई शाम गुजार दी है।